Badi Kothi Daraganj (The Grand Heritage)
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प्रयागराज, छह अक्तूबर (भाषा) आजादी की लड़ाई में राजनीति का केंद्र रही दारागंज की ' बड़ी कोठी' जल्द ही पर्यटकों की आरामगाह में तब्दील होने जा रही है। तकरीबन एक सौ साल पहले बनी इस कोठी के मूल स्वरूप को बरकरार रखते हुए इसके जीर्णोद्धार का काम लगभग पूरा हो गया है। जल्द ही यह कोठी आईटीसी वेलकम हेरिटेज स्थल की सूची में शामिल हो जाएगी।बड़ी कोठी के मालिक रंजन सिंह ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि इस कोठी का निर्माण 1820 में जींद से इलाहाबाद आए गल्ला व्यापारी पेरूमल अग्रवाल ने कराया था। नक्काशीदार दीवारों, जालीदार झरोखों और पत्थरों की महीन कटाई करके बनाए गए छज्जों से सजी इस कोठी को जैसलमेर के कारीगरों ने तैयार किया था।
कोठी की खूबसूरती की चर्चा दूर दूर तक थी और कहते हैं कि इस तरह की कोई दूसरी कोठी न बने, इसलिए मुख्य कारीगर ने अपने दाएं हाथ की पांचों अंगुलियां काट दी थी।
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