Khusrobagh
इलाहाबाद के खुशरो बाग का निर्माण मुगल शासक जहांगीर ने कराया था । जहांगीर के पुत्र खुशरो के नाम पर इस बाग का नाम रखा गया है। कई किलो मीटर में फैले इस बाग में मुगल निर्माण कला का शानदार नमूना देखने को मिलता है। यहां चारो ओर फैली हरियाली मकबरे की खूबसूरती में चार चांद लगाती है।
इलाहाबाद स्टेशन के पास स्थित खुशरो बाग में मुगल बादशाह जहांगीर के परिवार के तीन लोगों का मकबरा है। ये हैं- जहांगीर के सबसे बड़े बेटे खुसरो मिर्जा, जहांगीर की पहली पत्नी शाह बेगम और जहांगीर की बेटी राजकुमारी सुल्तान निथार बेगम। इस मक़बरे के ऊपर एक विशाल छतरी है, जो मजबूत स्तंभों पर टिकी हुई है। बेगम के मक़बरे के बगल में स्थित है खुसरो की बहन निथार का मक़बरा। इसके प्रवेश द्वार, आस-पास के बगीचों और सुल्तान बेगम के त्रि-स्तरीय मक़बरे की डिज़ाइन का श्रेय आक़ा रज़ा को जाता है, जो जहांगीर के दरबार के स्थापित कलाकार थे। अपने पिता जहांगीर के प्रति विद्रोह करने के बाद खुसरो को पहले इसी बाग में नज़रबंद रखा गया था। यहां से भागने के प्रयास में खुसरो मारा गया।
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