Kachehri Mahadev
प्रयागराज के शिवकुटी इलाके के चारों तरफ सफेद रंग से पुती और बनावट में किसी सरकारी इमारत सी नजर आ रही। पहली नजर में यह अदालत जैसी लगती है। लेकिन इसके अन्दर गूंज रहे ओहम् नमः शिवाय की आवाज सुनकर कोई भी चौंक जायेगा। यह अदालत है महादेव शिव की जिसे शिव कचहरी कहा जाता है।
माना जाता है कि यहां आने वाले भक्तों के कर्मों का फैसला होता है। भक्त यहां मुलजिमों की तरह ही कान पकड़ कर अपनी गलतियों के लिए माफ़ी मांगते हैं।
इस मंदिर में लगभग 200 से अधिक शिवलिंग हैं।
बताया जाता है कि शिव कचहरी महादेव प्रयागराज का लगभग 150 साल पुराना शिव मंदिर है। राणा जनरल पद्म जंग बहादुर ने 1886 में इस मंदिर की स्थापना की गई थी। इस मंदिर में सभी राज परिवार के सदस्यों की गणना के आधार पर प्रत्येक सदस्यों के नाम से एक एक शिव लिंगों की स्थापना पूर्ण विधि एवं शास्त्र सम्मत से काशी से आए हुए 108 विद्वानों और ब्राह्मणों द्वारा प्राण प्रतिष्ठा से संपन्न कराई गई थी। इस मंदिर में सभी राज परिवारों के सदस्यों के नाम से 288 शिवलिंग स्थापित है ।
इस मंदिर में लगभग 200 से अधिक शिवलिंग हैं।
बताया जाता है कि शिव कचहरी महादेव प्रयागराज का लगभग 150 साल पुराना शिव मंदिर है। राणा जनरल पद्म जंग बहादुर ने 1886 में इस मंदिर की स्थापना की गई थी। इस मंदिर में सभी राज परिवार के सदस्यों की गणना के आधार पर प्रत्येक सदस्यों के नाम से एक एक शिव लिंगों की स्थापना पूर्ण विधि एवं शास्त्र सम्मत से काशी से आए हुए 108 विद्वानों और ब्राह्मणों द्वारा प्राण प्रतिष्ठा से संपन्न कराई गई थी। इस मंदिर में सभी राज परिवारों के सदस्यों के नाम से 288 शिवलिंग स्थापित है ।
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